मोदी सरकार ने नया बिल पेश किया है। भारतीय न्याय संहिता बिल-2023 सिर्फ पुराने कानूनों को ही समाप्त नहीं करेगा। इसके अंतर्गत केवल न्याय दिलाने की बात नहीं है। बल्कि अगर इस बिल को ध्यान से पढ़ा जाए, तो और भी अधिक बदलाव होने वाले है। अभी ये सिर्फ बिल है, इसने अभी कानून का रूप नहीं लिया है। इसलिए अभी ये साफ़ नहीं है कि, ये परिवर्तन होते हैं, या नहीं।
कानून में क्या परिवर्तन करेगी सरकार
ऐसा ही एक भाग है, IPC धाराओं वाला, जहां पर धाराओं को परिवर्तित किया गया है। जैसे- पहले धोखाधड़ी में धारा 420 लगाई जाती थी। हत्या में 302 लगता था। तो अब बिल आने के बाद इसमें बदलाव हो जायेगा। वास्तव में, पहले धोखाधड़ी के केस में IPC की धारा 420 लगाई जाती थी।
परन्तु नए बिल में इस धारा को समाप्त कर दिया गया है। और अब नए बिल में बताया गया है कि, धारा 316 के अंतर्गत धोखाधड़ी की धारा लगाई जाएगी। इसी प्रकार पहले हत्या के मामले में धारा 302 लगती थी, परन्तु अब नए बिल में बताया गया है कि, जब कोई स्नैचिंग करेगा यानि छीना झपटी का प्रयास करेगा, तब धारा 302 लगाई जाएगी।
मानहानि की धारा में हुआ बदलाव
नए न्याय संहिता बिल-2023 से धारा 499 को ख़त्म कर दिया गया है। इसी धारा के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गाँधी की मोदी सरनेम मामले में सांसद मेम्बरशिप ख़त्म हो गयी थी। सेक्शन 499 के अंतर्गत अगर कोई भी इशारों के द्वारा, कहीं छापने के द्वारा, या पढ़ने के द्वारा किसी को अपमानित करेगा, तो इसे मानहानि समझा जायेगा।
परन्तु अब जिस नई संहिता का बिल पेश किया गया है, उसमें 499 को समाप्त कर दिया गया है। इस बिल में मानहानि के मामले में सेक्सन 354 एवं 354 (2) को रखा गया है। जिसमे 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान रखा गया है। हलांकि किसी शख्स को कम्युनिटी सर्विस के लिए भी भेजा जा सकता है।
रेप केस में सख्त प्रावधान
इसी कड़ी में नाबालिक के साथ रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए नए बिल में सख्त प्रावधान किया गया है। अब आरोपी को सीधे फांसी दी जाएगी।
इसी प्रकार गैंग रेप जैसे घिनौने अपराध के मामले में अब आरोपी को काम से काम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। जो बढ़कर आजीवन कारावास भी हो सकती है।
बिना विवाह के शारीरिक संबंध पर प्रावधान में बदलाव
इसी के तहत बिना विवाह के शारीरिक सम्बन्ध के बारे में भी बड़ी बात कही गयी है कि, अगर कोई झूठा आश्वासन देकर या फिर किसी धोखे से विवाह की बात करता है, एवं उसी के जरिये उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास करता है। इस स्थिति में इसे रेप केस में नहीं जोड़ा जायेगा। परन्तु 10 वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान अवश्य कर दिया गया है।
सरकार द्वारा जो बिल पेश किया गया है, उसमें एक विशेष बात और है कि, इस बिल के अंतर्गत अब किसी भी इलाके में अपराध हुआ हो तो देश में कहीं पर भी एफआईआर लिखवाई जा सकेगी। वहीं अगर सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध कोई केस दर्ज है, तो 120 दिन के भीतर स्वीकृति देना आवश्यक है।
इसके अलावां इस बिल में एक बड़ा मामला मॉब लिचिंग का भी रहा है। नया बिल पेश होने के पश्चात अब मॉब लिचिंग में भी सजा का प्रावधान किया गया है। मॉब लिचिंग केस में अब 7 वर्ष तक की सजा हो सकती है।