OMG 2 Movie में पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम ने एडल्ट एजुकेशन पर जोर दिया

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फिल्म OMG 2 में पंकज त्रिपाठी एवं यामी गौतम मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में अक्षय कुमार उत्प्रेरक के रोल में हैं। और उनके इसी रोल की वजह से इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड ने अपना चाबुक चला दिया। अगर कोई फिल्म देखने के बाद इस फिल्म के सम्बन्ध में मुझसे मेरी राय पूछे तो मै यही बताऊंगा कि, फिल्म देखने वाली सेंसर बोर्ड की एग्जामिंग कमेटी यानि परिक्षण कमेटी के सभी लोगों को अविलम्ब बर्खास्त कर देना चाहिए।

सेंसर बोर्ड में ऐसे लोगों को रखे जाने की आवश्यकता है, जिन्हें फिल्मों की समझ हो। जो आज के आधुनिक समाज के आधुनिक आदर्शों एवं आधुनिक सामाजिक आवश्यकताओं को पहचान सके, समझ सके। और इस सम्बन्ध में कोशिश करने वाली फिल्मों को वरीयता देने की धारणा रखते हों।

आधुनिक युग की उचित आवाज

फिल्म “OMG 2” आधुनिक युग की उचित आवाज है। अगर हो सके तो अधिकतर स्कूलों को अपने 8वीं क्लास के बाद के सभी बच्चों को एक समूह मे ले जाकर इस फिल्म को दिखाना चाहिए। फिल्म को “केवल व्यस्कों के लिए” यानि “A” जैसा सर्टिफिकेट देने की आवश्यकता बिलकुल नहीं है। क्योंकि जो सत्य है, वही शिव है, वही सुन्दर है।

सत्यम शिवम् सुंदरम का भी यही अर्थ है। काफी शोर होता है, जब हम झूठे समाज की झूठी कहानियों पर झूठी फ़िल्में बनाते हैं। जिसमें दर्शकों की विचारधारा में परिवर्तन लाने जैसी कोई बात नहीं होती है। और जब बात आती है, तो ओएमजी 2 फ़िल्में बनाई जाती हैं। जिनके रिलीज के लिए इनके निर्माताओं को कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक दौड़ लगानी पड़ती है। फिल्म OMG 2 को सभी किशोरों को देखना चाहिए।

सभी देख सकते हैं OMG 2

आज की न्यू जनरेशन के हर किशोर को फिल्म OMG 2 अवश्य देखनी चाहिए। ये फिल्म उस देश की है, जिस देश में सेक्स एजुकेशन को नकारने की शिक्षा पद्धति अपनायी जाती है। और उसी देश में कामसूत्र की रचना की जाती है। और उसी देश में लिखी गयी पंचतंत्र की कहानियों में काम शिक्षा का वर्णन हुआ है।

उसी देश में एक विदेशी शिक्षा पद्धती से चलने वाला स्कूल बच्चे पर गंदे आरोप लगता है। शिव दूत को विषपान करने पर मजबूर करता है। और ये शिव दूत भी इसी दौरान आकर रात्रि काल में शिव के प्रसाद का पान करने के साथ-साथ एक गाना जो फिल्म “ग़दर” का है गाता है। फिल्म OMG 2 अपने निर्देशन, अपनी पटकथा, अपने समग्र प्रभाव एवं अपने विषय पर एक कबीले तारीफ फिल्म है।

पंकज त्रिपाठी की अदभुत एक्टिंग

फिल्म “OMG 2” में एक्टिंग के नए रूप सामने आते हैं। लांछन लगाकर जबरन निकले गए एक किशोर बालक एवं एक बालिका के रूप में पंकज त्रिपाठी ने मालवा की बोली को आत्मसात करते हुए यहां पूरी फिल्म में अपने अदभुत एक्टिंग का लोहा मनवाया है।

इस फिल्म के द्वारा पंकज त्रिपाठी ने अपने एक्टिंग की यात्रा में एक नया मुकाम हासिल किया है। फिल्म में एक एक्टर के रूप में बड़ा नाम भले ही अक्षय कुमार का हो, परन्तु यह फिल्म पंकज त्रिपाठी की है। इस फिल्म के जरिये पंकज त्रिपाठी ने अपने एक्टिंग का वो खांचा तोडा। जिसे तोडना आवश्यक था। साथ में यामी गौतम भी फिल्म के संतुलन का दूसरा पक्ष हैं। जो थोड़ा सा खलनायक का रूप लेते हुए भी आखिर में सशरीर वकील के रूप में बदलते हुए दिखता है।

सहयोगी कलाकारों की भूमिका

फिल्म OMG 2 में अमित राय ने अपने मुख्य एक्टरों के साथ साथ सहयोगी कलाकारों को भी विशेष तरीके से चयनित किया है। डाक्टर के रोल में बृजेन्द्र काला, पराग छापेकर मेडिकल स्टोर के मालिक की भूमिका में एवं अरुण गोविल को स्कूल संचालक के रोल में चयन करना फिल्म की कास्टिंग की जीत है। शिव के दूत के रूप में अक्षय कुमार का पंकज त्रिपाठी के ऊपर नाखूनों का जल छिड़कना, पूरी फिल्म में यही एक सीन अनुचित लगता है।

क्योंकि ये कृत्य सनातन संस्कृति के विरुद्ध है। शिव के दूत के रूप में अक्षय कुमार लाजवाब लगते हैं। और इस फिल्म में जज की भूमिका में पवन मल्होत्रा ने बेहतरीन काम किया है। अंग्रेजी में ही कोर्ट का संचालन करने वाले एक जज का एक विशुद्ध हिंदी बोलने वाले से सामना होता है। तो पूरी बात को समझने के लिए वह अपने सहयोगी की सहायता लेता है। यह सीन फिल्म में हास्य रस की कमी को पूरा करता है।

अमित राय का बेहतरीन निर्देशन

13 वर्ष पहले पवन मल्होत्रा ,परेश रावल ,एवं ओमपुरी को साथ लेकर फिल्म “रोड टू संगम” बनाने वाले अमित राय को इस फिल्म के लिए भविष्य में एक दिशा-निर्देशक फिल्मकार के रूप में जाना जायेगा। सेक्स एजुकेशन जैसे प्रतिबंधित विषय पर एक बेहतरीन सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म का निर्माण करना अपने आप में कठिन काम है।

जब इस प्रकार के किसी निर्देशक को फिल्म के रिलीज के लिए वह सब झेलना पड़े, जो इस फिल्म के रिलीज से पहले अमित ने झेला। तब मालूम पड़ता है कि, बातें हम कितनी भी बड़ी-बड़ी कर लें। अपने समय के किशोरों को समझने में हम नासमझ ही रहे। फिल्म की शुरुआत में सेक्स एजुकेशन के समर्थन में जब जज का पुत्र खड़ा दिखता है, तो ये सन्देश है कि, पुरानी जनरेशन को नई जनरेशन के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलना चाहिए।

OMG 2 Movie Review: OMG 2 फिल्म सेक्स एजुकेशन के मुद्दे पर बनी बेहतरीन फिल्मों में से एक है

OMG 2 एक शानदार फिल्म है। इस फिल्म समाज को अपनी सोच बदलने पर मजबूर करती है। इस फिल्म के रिव्यु पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करिये।

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