जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सरकार ने आधार ऑथेंटिकेशन को स्वीकृति प्रदान करते हुए इसे स्वैच्छिक बनाया है। वैसे जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए आधार आवश्यक नहीं है। लेकिन अब इसे स्वैच्छिक भी बना दिया गया है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इण्डिया के कार्यालय को भारत सरकार ने इन दोनों ( जन्म एवं मृत्यु ) के लिए आधार के वालेंटरी उपयोग करने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर गृह मंत्रालय ने बताया कि, इस प्रकार के रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय के साथ-साथ जनगणना कमिश्नर भी आधार ऑथेंटिकेशन को मान सकते हैं। एवं यह स्वैच्छिक भी रहेगा।
गुड़ गवर्नेंस रूल्स के ड्राफ्ट में संशोधन
भारत सरकार के गुड़ गवर्नेंस रूल्स के ड्राफ्ट में संसोधन के सम्बन्ध में आईटी मंत्रालय ने बताया कि, सरकारी मंत्रालय या विभाग के अतिरिक्त कोई भी संस्था जो नागरिकों के जीवन में आसानी को बढ़ावा देने एवं सेवाओं तक अच्छी पहुँच को सक्षम करने के मकसद से आधार प्रमाणीकरण का इस्तेमाल करना चाहती है, उसके लिए आधार प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) को मान्यता दी जाये।
सरकार का क्या है उद्देश्य
भारत सरकार का उद्देश्य जीवन की आसान सेवाओं तक अच्छी पहुँच बनाना है। जिसके द्वारा अच्छा रहन-सहन भारत के नागरिकों को प्राप्त हो सके। इसी दौरान आधार जारी करने वाली सस्था UIDAI भी नागरिकों को जागरूक एवं प्रोत्साहित कर रही है कि, वो अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करा लें। जिससे कि, वे सामाजिक कल्याण सेवाओं का लाभ उचित तरीके से प्राप्त कर सकें।
डेटा जुड़ा आधार कार्ड से
भारत में अब तक 1,373,539,199 आधार एनरोल किये जा चुके हैं। एवं 777,673,199 आधार अपडेट भी हो चुके हैं। UIDAI की वेबसाइट के अनुसार, 94,931,352,722 आधार का ऑथेंटिकेशन किया जा चूका है। एवं 15,509,179,314 ई-केवाईसी भी आधार के द्वारा किये जा चुके हैं।
भारत सरकार के नोटिफिकेशन में है क्या
जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 के अंतर्गत बताया गया है कि, नियुक्ति रजिस्ट्रार को जन्म या मृत्यु में मांगे गए अन्य विवरणों के साथ जमा किये जा रहे आधार नंबर के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर हाँ अथवा नहीं का विकल्प चुनने की स्वीकृति दी जाएगी।