भारत के प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला ने 14 अगस्त को इस संसार को अलविदा कह दिया था। अनेक लोग इन्हें भारत की बफेट भी कहते थे। जबकि झुनझुनवाला का कहना था कि, बफेट उनसे काफी आगे हैं। वर्ष 1986 में राकेश झुंझुनवाला ने शेयर मार्केट में 5 हजार रूपये का निवेश किया था। और आज उनका वही निवेश 35 हजार करोड़ के ऊपर पहुँच गया है।
राकेश झुनझुनवाला के देहांत के पश्चात उनकी पोर्टफोलियो विरासत के रूप में उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला को मिली है। आपको जानकारी दे दें कि, 1 वर्ष में झुनझुनवाला की पोर्टफोलियो में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। ट्रेटालाइन डेटा के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में जून-2023 के तिमाही आखिर में कम्पनी का पोर्टफोलियो यानी कुल संपत्ति 38366.4 करोड़ हो गयी है। जबकि पिछले वर्ष जून 2022 के तिमाही आखिर में झुनझुनवाला का पोर्टफोलियो 25397.54 करोड़ रूपये थी। अब आइये जानें झुनझुनवाला के सफल निदेशक बनने की कहानी।
भारत के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला कैसे बने सफल निवेशक
राकेश झुनझुनवाला कोई बिजनेसमैन नहीं थे, वे निवेशक थे। इन्होने अपनी संपत्ति का ज्यादातर उपयोग शेयर मार्केट में किया। झुनझुनवाला ने निवेश लम्बी अवधि के लिए किया। वैसे इन्हें शुरूआती दौर में निवेश राशि को कलेक्ट करने में बहुत परेशानी उठानी पड़ी।
राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता इनकमटैक्स अधिकारी थे। वे भी शेयर मार्केट में निवेशक करते थे। उस दौरान वे अपने पिता से अक्सर शेयर बाजार पर चर्चा किया करते थे। आपको जानकारी दे दें कि, राकेश झुनझुनवाला ने 1986 में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया था। उस वक्त सेंसेक्स का कारोबार 500 अंक के नीचे था। तब सबसे पहले राकेश झुनझुनवाला ने 5 हजार रूपये का निवेश किया था।
जब उन्होंने शेयर बाजार में निवेश किया था। उस दौरान वह कालेज में पढ़ते थे। आपको जानकारी दे दें कि, राकेश झुनझुनवाला एक चार्टेड अकाउंटेंट थे। इससे उन्होंने मार्केट की बारीकी को शीघ्र ही समझ लिया, एवं इस प्रकार वह लाभ प्राप्त करने लगे। आइये हम राकेश झुनझुनवाला की निवेश शैली की वो 5 बातें बताते हैं, जिससे काफी सीख मिलती है।
राकेश झुनझुनवाला के निवेश शैली की वो 5 महत्वपूर्ण बातें
- राकेश झुनझुनवाला कहा करते थे कि, शेयर मार्केट में निवेश से पूर्व हमें किसी कम्पनी को लेकर अनुचित मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। कभी भी उन कंपनियों की तरफ नहीं भागना चाहिए, जो चर्चित रहती हो। हमें कम्पनी के शेयर के बारे में जानना चाहिए। झुनझुनवाला कहते थे कि, हम किस स्टाक में पैसा निवेश कर रहे हैं। एवं उसके ऊपर जाने की कितनी उम्मीद है। यानी हमें उसकी वैल्यूएशन के बारे में जानना आवश्यक है।
- झुनझुनवाला कहा करते थे कि, मैं कभी भी गलतियों से नहीं डरता हूँ। मैं हमेशा अपनी गलतियों से कुछ सीखता रहता हूँ। हम हमेशा गलतियां करते रहेंगे। पर हमें ख्याल रखना चाहिए कि, वह एक सीमा के अंदर हो। झनझुनवाला कहते थे, हमें अपनी गलतियों से हमेशा सीखना चाहिए। अगर हम गलती करने से डर जाते हैं, तो यह गलत होता है। हमें एक सीमा तय करनी चाहिए।
- वास्तव में शेयर मार्केट में हमेशा उतार-चढाव चलता रहता है। इस दौरान धैर्य काफी महत्वपूर्ण कदम होता है। अगर शेयर मार्केट में निवेश करने वाले व्यक्ति किसी भी तरह का उतावलापन दिखाते हैं, तो उन्हें जोखिम उठाना पड़ सकता है। हमें कभी भी बिना सोचे-समझे कोई भी दांव नहीं लगाना चाहिए। हमेशा रिसर्च करने के पश्चात ही हमें किसी शेयर में निवेश करना चाहिए। धैर्य हमारे लिए काफी आवश्यक है। जीवन में उतार-चढाव आते रहते हैं। इस दौरान अगर हम घबरा जाते हैं, तो वह आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। इस कारण जब भी कोई दिक्कत आये तो हमें धैर्य से काम करना चाहिए।
- राकेश झुनझुनवाला कहा करते थे कि, शेयर मार्केट में वही व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है, जो आज में जीता हो। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, तो अपने आने वाले कल को लेकर मायूस न हों। बल्कि आप आज पर ध्यान दें। शेयर मार्केट भले ही जोखिम भरा होता है। पर जब हम भविष्यवाणी करते हैं, और वो सच नहीं होता है, तो वह हमारा विश्वास तोड़ देता है। इसलिए हमें कभी किसी चीज को लेकर भविष्यवाणी नहीं करनी चाहिए।
- झुनझुनवाला एक बात कहा करते थे कि, हमें हमेशा अपने अवसर को पहचानना आना चाहिए। हमें किसी भी अवसर से दीर्घकालिक फायदा होगा या नहीं, यह भी देखना चाहिए। राकेश झुनझुनवाला ने टाइटन कम्पनी की क्षमता को पहचाना। उन्हें मालूम था कि, उन्हें इस शेयर से लम्बे वक्त तक फायदा मिल सकता है। इस कारण से उन्होंने इस कम्पनी के शेयर में निवेश किया।