अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी, एवं यामी गौतम की स्टारर फिल्म OMG2, 11 अगस्त 2023 को रिलीज हो गयी है। इस फिल्म पर “सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन” (CBFC ), ने अपना चाबुक चलाते हुए इसको “ए” (A) कटेगरी का प्रमाणपत्र दिया है। जिस पर सभी हैरान हैं। वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि, कोई फिल्म उसके सेंसर प्रमाण पत्र के कारण चर्चित हो।
इस पर अधिकतर लोगों के मन में यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि, “केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड” वास्तव में है क्या। ये फिल्मों को सर्टिफिकेट आखिर किस आधार पर देता है। और इससे फिल्मों पर क्या प्रभाव पड़ता है। तो आइये जाने इन प्रश्नों का जवाब।
क्या है सेन्ट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन
“सेंसर बोर्ड”, “CBFC”, “सेन्ट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन”, “केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड” इत्यादि, सब भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ही संवैधानिक भाग के भिन्न-भिन्न नाम हैं। ये बोर्ड 1952 के सिनेमेटोग्राफ धारा के अंतर्गत फिल्मों के प्रसारण पर नजर रखती है।
वास्तव में किसी फिल्म को रिलीज होने से पहले इस बात का ख्याल रखना बहुत आवश्यक होता है कि, इसका दर्शकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इस पर ये बोर्ड, प्रमाणपत्र के आधार पर इसे दर्शकों को देता है। एवं आवश्यकता पड़ने पर फिल्म में परिवर्तन भी करता है।
कोई भी फिल्म बिना सेंसर बोर्ड की अनुमति के सिनेमाहाल में रिलीज नहीं हो सकती है। इस बोर्ड के 9 आफिस है। जो मुम्बई, कटक, हैदराबाद, नई दिल्ली, गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलरू, तिरुवंतपुरम, और कोलकाता में स्थित है।
ये प्रमाणपत्र कितने प्रकार के होते है
सेंसर बोर्ड किसी भी फिल्म को 4 प्रकार के प्रमाणपत्र दे सकता है। ये निर्धारित करता है कि, ये फिल्म किस तरह के दशकों के लिए उचित है। ये चारों प्रमाणपत्र इस प्रकार के होते हैं।
“A”(एडल्ट ) प्रमाणपत्र
“A” कटेगरी का प्रमाणपत्र यानि ये फ़िल्में केवल एडल्ट/व्यस्क लोगों के लिए हैं। सामान्य तौर पर एडल्ट कॉमेडी या बोल्ड सीन वाली फिल्मों को इस प्रकार के सर्टिफिकेट प्रदान किये जाते हैं।
“S” (स्पेशल) प्रमाणपत्र
“S” कैटेगरी का प्रमाण पत्र स्पेशल यानी विशेष दर्शकों वाली फिल्मों के लिए दिया जाता है। मतलब इस प्रकार की फिल्मों के दर्शकों की श्रेणी फिक्स होती है। एवं ये सभी के लिए नहीं होती है। जैसे-अगर किसी फिल्म को सिर्फ वैज्ञानिकों या जजों को ही दिखाया जा सकता हो, तो उसे “S” सर्टिफिकेट दिया जाता है।
“U” (यूनिवर्सल ) प्रमाणपत्र
“U” यानी “यूनिवर्सल” फिल्म। जिन फिल्मों को “U” कटेगरी का सर्टिफिकेट मिलता है। उस फिल्म को कोई भी देख सकता है। मतलब इस फिल्म को हर तरह के दर्शक देख सकते हैं। चाहे वो किसी भी उम्र, लिंग इत्यादी का हो।
“UA” प्रमाणपत्र
“UA” कटेगरी के सर्टिफिकेट की फिल्म, यानी इस फिल्म को 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ देख सकते हैं। परन्तु ऑफिशियल रूप से इन बच्चों को अकेले फिल्म देखने की अनुमति नहीं है। इस कटेगरी की फिल्म को बच्चे अपने गार्जियंस या माता-पिता के साथ ही देखें।
ये भी पढ़ें OMG 2 Movie में पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम ने एडल्ट एजुकेशन पर जोर दिया
OMG 2 Movie Review: OMG 2 फिल्म सेक्स एजुकेशन के मुद्दे पर बनी बेहतरीन फिल्मों में से एक है