डिजिटल भुगतान: भारत ने ऑनलाइन और डिजिटल भुगतान में सभी देशों को पीछे कर दिया है। कई देशों की कुल डिजिटल पेमेंट को जोड़ दें तो भी भारत के डेटा के पीछे है। इस वर्ष की आरंभ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत डिजिटल भुगतान में सबसे आगे है। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
सस्ता इंटरनेट से डिजिटल पेमेंट बढ़ा
भारत में जिओ नेटवर्क के आगमन के बाद सस्ता इंटरनेट का एक नया युग शुरू हो गया है। इस समय भारत में बहुत ही सस्ते दरों पर इंटरनेट उपलब्ध है जिसके कारण कम आय तक के लोगों तक भी इंटरनेट की बहुत हो गई है। भारत में यह देखा जा सकता है कि छोटे दुकानदार जैसे रिक्शा ,सब्जी बेचने वाले, ठेला लगाने वाले वाले भी इंटरनेट का यूज करते हुए डिजिटल पेमेंट को स्वीकार करने लग गए हैं।
कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर भारत बढ़ रहा है
भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में पूरी दुनिया को पछाड़ दिया है। तकनीक का महत्वपूर्ण योगदान होता है किसी भी देश के विकास में। भारत ने इसी तकनीक का उपयोग करते हुए तेजी से आगे बढ़ा है। डिजिटलीकरण ने भारत को कई मामलों में कई बड़े देशों के सामर्थ्य से आगे पहुंचाया है। MyGovIndia के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत में 8.95 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए हैं। अब भारत डिजिटल भुगतान शीर्ष स्थान पर है। MyGovIndia द्वारा यह कहा गया है कि भारत ने डिजिटल भुगतान में पूरी दुनिया में अपना डंका बजा दिया है।
डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत कहां खड़ा है
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में विश्व में कुल डिजिटल भुगतानों में से 46 प्रतिशत वास्तविक भुगतान केवल भारत से हो रहे हैं। यह संख्या चार बड़े देशों के एकीकृत आंकड़ों से अधिक है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत ने कई मजबूत देशों को पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने ब्राजील, चीन, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ दिया है। दूसरे स्थान पर ब्राजील है, जहां वर्ष 2022 में 2.92 करोड़ लेन-देन हुए। इसके बाद चीन का स्थान है, जहां 1.76 करोड़ लेन-देन हुए। चौथे स्थान पर थाईलैंड है, जहां 1.65 करोड़ लेन-देन हुए।
इसके बाद, पांचवे स्थान पर दक्षिण कोरिया है, जहां 80 लाख लेन-देन हुए। डिजिटल भुगतान को भारत में सफल बनाने का सबसे बड़ा श्रेय UPI को जाता है, जिसे वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
भारत में डिजिटल युग की शुरुआत हो चुकी है
डिजिटल भुगतान के बढ़ते प्रवाह ने भारत में अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। यह तकनीकी प्रगति न केवल व्यापारिक लेन-देन को सुगम बना रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसने जीवन को बदल दिया है। विशेष रूप से, कृषि क्षेत्र में, इसका उपयोग अब किसानों द्वारा सीधे पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है, जिससे मध्यवर्ती की आवश्यकता को दूर किया गया है। डिजिटल पेमेंट ने भारत में व्यापार को बहुत ही आसान कर दिया है।
डिजिटल पेमेंट से अर्थव्यवस्था को बल मिला
डिजिटल पेमेंट से भारत को सशक्त और पारदर्शी अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ावा मिलता है। यह धोखाधड़ी को कम करने, काले धन को नियंत्रित करने और हमारी आर्थिक प्रणाली को और अधिक प्रभावी और उत्पादक बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह आम आदमी को अर्थव्यवस्था में सीधे शामिल होने की क्षमता प्रदान करता है, जो पहले इससे वंचित था।
भविष्य में, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था डिजिटल भुगतान के और अधिक बढ़ावा मिलेगा जिससे भारत का चहुमुखी खास होगा। डिजिटल पेमेंट ने आम नागरिकों के जीवन को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बना दिया है। भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज होगा। हम उम्मीद करते हैं की हमें देखकर विश्व डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत का अनुकरण करेगा।