अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए चीन को अमेरिका ने चेतावनी दी है। इस संबंध में अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव आया है, जिसमे भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र में मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है।
सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हैगर्टी ने इस प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था। जिसमे चीन के यथास्थिति बदलने की कोशिश की निंदा हुई थी। सीनेटर हैगर्टी ने भारत के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े होने की बात अब एक बार फिर से कही है।
बिल हैगर्टी ने मंगलवार (15 मार्च) को बताया कि, आजाद एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए इस समय चीन गंभीर खतरा बना हुआ है। इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका हेतु महत्वपूर्ण है कि, वह क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेष रूप से भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
प्रस्ताव के संबंध में हैगर्टी ने बताया कि, एलएसी पर यथास्थिति परिवर्तित करने हेतु चीन की कोशिश की निंदा के साथ ही अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी में बढ़ोत्तरी का समर्थन किया गया है। साथ ही इसमें अरुणाचल प्रदेश राज्य को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने हेतु सीनेट का समर्थन व्यक्त किया है।
चीन का दावा निरस्त
प्रस्ताव पेश करने वाले दूसरे सीनेटर जेफ मर्कले ने बताया कि, “यह प्रस्ताव स्पष्ट करता है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के जनवादी गणराज्य के रूप में। इस प्रस्ताव में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के द्वारा अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने वाले उस आक्रामक एवं विस्तारवादी नीतियों वाले दावे को भी निरस्त किया गया है।