देश भर में फैल रहा वर्क फ्रॉम होम का मायाजाल, स्कैमर्स द्वारा लुटे काफी लोगों ने बताई अपने जीवन भर की लुटने की कहानी, आइये जाने कैसे–
इन दिनों वर्क फ्रॉम होम का फ्राड देश भर में काफी रफ्तार से फैल रहा है। यह ऐसा स्कैम है, जहाँ पढ़े लिखे लोग भी फंस रहे हैं। कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने 50 हजार से लेकर 25 लाख तक गवां दिए। वहीं यूपी के एक व्यक्ति ने 40 लाख रूपये गवाएं हैं। इस संबंध में शिकार हुए काफी लोगों से हमने बातचीत कर इस पूरे फ्राड की जानकारी प्राप्त की है।
जिसमें लखनऊ के रहने वाले एक नवयुवक की जल्द ही में नौकरी लगी थी। वो निरंतर नई नौकरी के लिए अप्लाई कर रहा था। मगर नौकरी नही मिल पा रही थी। इसी दौरान उसके Whatsapp पर एक दिन नौकरी के संबंध में एक मैसेज आता है। जिसमे बताया गया कि, World Shine नाम की एक कंपनी है, और जिसके लिए उसका C.V. शार्टलिस्ट किया गया है।
जिसके पश्चात उसके साथ सिर्फ 2 दिन के अन्दर 2.5 लाख की ठगी हो गयी। इसी प्रकार 33 लाख की ठगी यूपी के एक और व्यक्ति के साथ की गयी। चुकि उसके पास इतने रुपये भी नहीं थे, लेकिन उसने रिश्तेदारों, मित्रों व् अन्य सहयोगियों से उधार लेकर लेकर उसने स्वयं स्कैमर्स को रुपये ट्रांसफर कर दिए। अब यहाँ पर सवाल खड़ा होता है कि क्यों और कैसे ?
ये फ्राड सिर्फ यूपी में इन 2 युवकों के साथ ही नहीं हुआ, बल्कि देश भर के बहुत सारे लोगों के साथ ऐसा फ्राड हुआ। इनसे बातचीत कर जानकारी पता की गयी है। ये सभी लोग Work From Home स्कैम के द्वारा लुटे गये हैं।
इन सभी लोगों से लगभग 50 हजार से लेकर 45 लाख तक की ठगी की गयी है। इनमें से कुछ तो सड़क पर आ गये हैं। और कुछ कर्ज में डूब गये हैं, क्योंकि उनके जीवन भर की कमाई डूब गयी है। एक युवक ने बताया कि, वो स्कैमर्स को अब तक 45 लाख तक दे चुका है।
इनमे हर वर्ग के लोग हैं। कुछ लोग नौकरी करते हैं, कुछ बेरोजगार है, कुछ अपना छोटा-मोटा बिजनेस करते हैं परन्तु इनमें अधिकतर लोग शिक्षित हैं। वैसे अधिकतर वही लोग इनके जाल में फँस रहे हैं, जिनकी या तो नौकरी चली गयी या वो रोजगार की तलाश कर रहे हैं।
मैंने बहुत सारे लोगों से बातचीत की, जिनमें से अनेक लोगों ने पुलिस में शिकायत की है। परन्तु उनके अनुसार पुलिस से इसका कोई उचित समाधान नहीं निकला। इन सभी ने बताया कि, पुलिस बता रही है कि, जाँच होने के पश्चात ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।
स्कैमर्स यह सब कैसे कर रहे हैं ? शिक्षित लोग भी स्कैमर्स के जाल में कैसे फँस रहे हैं
सबसे पहले स्कैमर्स विक्टिम को मैसेज भेजते हैं कि, आप ज्यादा से ज्यादा पैसे Work From Home के द्वारा जमा कर सकते हैं। देखने में ये मैसेज किसी नौकरी के आफर की तरह ही प्रतीत होता है। विक्टिम को Whatsapp मैसेज में बताया गया कि, ब्लागर्स की इंस्ट्राग्राम की कमाई में बढ़ोतरी के लिए प्रत्येक दिन कुछ अकाउंट फालो करने पड़ते हैं।
एवं वीडियो लाइक करने पड़ते हैं। पहले दिन ही स्कैमर्स विक्टिम के खाते में 1000 से 8-10 हजार की राशि भेज देते हैं। जिनसे उनका विश्वास पक्का हो जाता है। स्कैमर्स प्रारंभ में ये सब करने के लिए विक्टिम को प्रत्येक दिन 8-10 हजार रूपये तक देकर उसका विश्वास जीत लेते हैं। जिससे विक्टिम को यह विश्वास हो जाये की ये काम सही है।
स्कैमर्स लोगों को फंसा रहे अपने जाल में
अकाउंट लाइक और फालो करने के तरीकों को इस तरह बताया जाता है कि, जैसे ये काम कंपनी की उन्नति के लिए अत्यंत आवश्यक है। किसी आफिशियल तरीके से मैसेज बनाकर भेजे जाते हैं।
प्रत्येक दिन कम से कम 20 अकाउंट फालो और पोस्ट लाइक करने के लिए बताया जाता है। अनेकों बार जाली पहचान पत्र भी भेजा जाता है। जिससे लोग सरलता से उनकी बातों में फँस जायें।
स्कैमर्स की तरफ से भेजा जाता है यह मैसेज
हमें अपने कस्टमर के पेजेज को फालो करने में सहायता के लिए कंपनी को एक को-इम्प्लाई की आवश्यकता है। आप इसे डेली बेसिस पर एक्स्ट्रा आमदनी के लिए ज्वाइन कर सकते हैं। आपको भुगतान किये जाने के लिए एक टेलीग्राम ज्वाइन कराया जायेगा। जहाँ आपको प्रतिदिन लगभग 25 से 30 टास्क दिए जायेंगे। एवं प्रत्येक टास्क पर 75 रुपये दिए जायेंगे।
प्रत्येक दिन अलग-अलग लोगों एवं पेज के इंस्ट्रा हैंडल टास्क के रूप में दिए जाते हैं। इन्हें फालो करके स्क्रीन शॉट भेजना पड़ता है। जिसके पश्चात प्रत्येक दिन भुगतान के रूप में पैसे आने प्रारंभ हो जाते हैं। यहाँ से भरोसा जीतने के साथ सारा खेल प्रारंभ हो जाता है। और यहीं से प्रारंभ होता है, स्कैमर्स का अगला गेम।
स्कैमर्स पहले करते हैं विश्वास हासिल
इस स्कैम के विक्टिम ने बताया कि, स्कैमर्स सारा दिन विभिन्न अकाउंट का हैंडल भेजते हैं। और ये अपने अकाउंट से उन्हें फालो करते हैं। इसी प्रकार youtube लाइक करने का भी टास्क होता है।
स्कैमर्स टास्क पूरा होते ही विक्टिम के खाते में रूपये डालते हैं। जिसके पश्चात विक्टिम को टेलीग्राम ग्रुप में भी जोड़ दिया जाता है। जिसमे कुछ लोग पहले से जुड़े होते हैं।
ग्रुप में जोड़ने के पश्चात बताया जाता है कि, अगर आपको और अधिक कमाने हैं, तो आपको कुछ टास्क दिए जायेंगे। जिन्हें ग्रुप के साथ मिलकर पूरा करना पड़ेगा।
चूँकि पहले से ही इस ग्रुप में काफी लोग होते हैं, इस कारण विक्टिम को सरलता से विश्वास भी हो जाता है। एवं दूसरी बात यह है कि, विक्टिम के खाते में प्रत्येक दिन स्कैमर्स कुछ रूपये भेजते रहते हैं। जिससे विक्टिम का विश्वास कायम रहे।
दूसरा टास्क
अब इसके बाद टेलीग्राम ग्रुप से संबंधित एडमिन काफी बड़ा मैसेज भेजा करता है। जो देखने में बिलकुल किसी कंपनी के बिजनेस लेटर की तरह ही होता है। इसमें करेंसी से संबंधित कुछ बातें लिखी होतीं हैं। जिसमे बताया जाता है कि, कुछ राशि का निवेश करने पर उसका कुछ % इंसेंटिव के रूप में आपको दिया जायेगा।
वास्तव में, ये पूरा स्टेप केवल इसलिए बनाया जाता है। जिससे लोगों को यह भरोसा हो जाये कि, वो सही में किसी उचित करेंसी वेबसाइट पर या अन्य आनलाइन संबंधित बिजनेस का काम कर रहे हैं। टेलीग्राम के उस ग्रुप का एडमिन एक क्रिफ्टो करेंसी की वेबसाइट जैसी दिखने वाली वेबसाइट पर विक्टिम का अकाउंट बनाकर देता है।
लिंक क्लिक करके यूजर नेम, पासवर्ड डालने पर एक क्रिफ्टो करेंसी वेबसाइट खुलता है। यहाँ Bitcoin, Ehiriyam जैसे अनेक क्वाइन्स की करेंसी, प्लेटफार्म और ग्राफ दिखते हैं। ये पूरा वेबसाइट उनका ही बनाया गया एक मायाजाल की तरह होता है। जो अपने आप में एक बहुत बड़ा धोखा होता है।
यहाँ उनका नाम और उनके डिटेल्स दिए होते हैं, साथ ही यहाँ करेंसी जैसा दिखने वाला इंटरफेस होता है, और एक वर्चुवल वालेट होता है। अब तक काफी लोगों को क्रिफ्टो करेंसी के बारे में जानकारी नही है। और इन सभी विक्टिम को भी क्रिफ्टो करेंसी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
बस इतनी जानकारी थी कि, क्रिफ्टो एक डिजिटल करेंसी होती है। जिसका मतलब क्रिफ्टो खरीदकर और बेचकर पैसे कमाए जाते हैं। चूंकि ये वेबसाइट देखने में सही लगती है। इसलिए उसे इस पर भरोसा हो गया।
डिजिटल करेंसी वेबसाइट जैसा दिखने वाला एप
अब टेलीग्राम ग्रुप का एडमिन कुछ विकल्प देता है। जैसे-10 हजार का निवेश करने पर 11 हजार मिलेगा। एवं 50 हजार का निवेश करने पर 75 हजार मिलेगा। इस प्रकार की वेबसाइटों में केवल फर्जी काउंटडाउन टाइमर लगाया गया होता है। यह स्कैमर्स विक्टिम को इस प्रकार से समझाते हैं कि, उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि, वास्तव में यह कोई करेंसी वेबसाइट है।
जैसे ही ग्रुप का एडमिन लोगों से इस ग्रुप में रुपयों का निवेश करने के लिए कहता है, उस ग्रुप के दुसरे लोग अपनी निवेश की गयी राशि की स्क्रीनशॉट उसी ग्रुप में डालते हैं। इसे देखकर विक्टिम ये विचार करने लगता है कि, जब दूसरे लोग भी पहले से ये काम कर के पैसा कमा रहें हैं, तो ये बढ़ियां काम है। और वे भी विश्वास करते हुए उनके बताये हुए एकाउंट में पैसा डालकर उसका स्क्रीनशॉट भेजते रहते हैं।
लेकिन धोखा खाने के पश्चात जब विक्टिम को यह मालूम पड़ता है कि, उस ग्रुप के अन्य लोग वास्तव में स्कैमर्स के ही आदमी होते हैं, एवं वो भी इस धोखाधड़ी से जुड़े होते हैं। ऐसे अनेकों विक्टिम ने पेमेंट के स्क्रीन शॉट शेयर किये हैं। अनेक लोगों ने अपने बैंक अकाउंट की पासबुक भी शेयर की है। जिससे लाखों रुपये भेजे गये होते हैं। स्कैमर्स का अकाउंट किसी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड होता है।
धोखाधड़ी के इस खेल को इस तरह से तैयार किया जाता है कि, इससे जुड़ने वालों को ऐसा प्रतीत हो कि, ये सारा काम क्रिफ्टो करेंसी का है। धीरे-धीरे टास्क बढता रहता है, और पैसा भी बढता जाता है, मतलब की विक्टिम अधिक पैसों का निवेश करने लगता है। क्योंकि उस ग्रुप के दुसरे लोग भी ऐसा कर रहे होते हैं। जो भी रूपये विक्टिम स्कैमर्स के खाते में भेजते हैं। उतना ही रुपया उनके वर्चुवल वैलेट में दिखने लगता है। ये वही करेंसी की जाली वेबसाइट है। जिसे स्कैमेर्स ने तैयार किया है।
वर्चुअल वालेट में पैसा देखकर विक्टिम्स को लगता है कि, उनका रुपया सुरक्षित है, और वो लगातार बढ़ रहा है। धीरे-धीरे विक्टिम, प्रत्येक दिन रूपये बढ़ाकर स्कैमर्स के खाते में रूपये भेजते हैं। क्योंकि इन्हें बताया गया होता है कि, जितना अधिक रुपयों का निवेश करेंगे करेंसी के द्वारा उतना अधिक रुपया बढ़ेगा। धीरे-धीरे विक्टिम्स हजार से लाखों तक भेज देते हैं।
इसके बाद चालू होता है, डर का गेम
मैंने कुछ ऐसे विक्टिम से मुलाकात की जिन्होंने 40 लाख रूपये तक स्कैमर्स के खाते में भेज दिए। परन्तु जब विक्टिम उन पैसों को अपने बैंक अकाउंट में भेजने को कहते हैं, तो स्कैमर्स उन्हें बताते हैं कि,अभी और टास्क कम्प्लीट करना है। टास्क पूरा होने के पश्चात ही पैसे बैंक अकाउंट में भेजे जा सकेंगे।
जिन विक्टिम के पास अपने रुपये समाप्त हो जाते हैं, तो वो अपने सगे सम्बन्धियों, रिश्तेदारों, मित्रों आदि से रूपये उधार लेते हैं। क्योंकि उन्हें बताया जाता है कि, और पैसे नहीं डाले तो उनका रुपया फ्रिज हो जायेगा। चूंकि विक्टिम्स ने अब तक काफी रुपये यहाँ तक की लाखों रुपये तक भेज चुके होते हैं। इस वजह से उनको स्कैमर्स की बात माननी पड़ती है।
यह विचार कर कि, अगर उनकी बात नही मानी तो रुपये बैंक अकाउंट में नहीं आयेंगे। वो और रुपये किसी परिचित से उधार लेकर भेजते हैं। फिर इसका स्क्रीन शॉट भेजकर जब विक्टिम अपने पैसे मांगते हैं। तब भी लाखों रुपये डालने के पश्चात भी जब विक्टिम को लगातार और पैसे डालकर टास्क कम्प्लीट करने को कहा जाता है। तब विक्टिम को लगता है कि, कहीं उनके साथ कुछ गड़बड़ तो नहीं हो रहा है। इसके पश्चात अब साइबर सेल शिकायत का दौर आरम्भ होता है।
पुलिस और साइबर सेल में शिकायत के पश्चात भी कोई समाधान नहीं निकला
अब इन विक्टिम लोगों ने साइबर सेल में शिकायत की है। परन्तु अब तक इनमें से किसी के भी रुपये वापस नहीं मिले। इनका कहना है कि, पुलिस कह रही है कि, अभी जाँच चल रही है। वैसे इस विक्टिम ने बताया कि, अपनी शिकायत आन लाइन दर्ज कराएँ।
अब सभी विक्टिम काफी परेशान हैं। क्योंकि इनमें से अधिकतर कर्ज से लद गये हैं। इनमें से कुछ ने बताया कि, वो छोटी सी प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि कुछ लोग मल्टीनेशनल कंपनी में जाब करते हैं। कई विक्टिमों ने तो ये भी बताया कि, उनको समस्त जमा पूंजी समाप्त हो गयी है। और उनके ऊपर काफी कर्ज भी लद गया है।
हम जितने भी विक्टिम से मिले सभी ने यह बताया कि, ये स्कैमर्स उन्हें इन बैंक्स के अकाउंट नंबर देते हैं। जिनमें रुपये भेजे जाते हैं। ये अकाउंट किसी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड होते हैं। इन बैंकों के नाम हैं – Canara Bank, HDFC Bank,Yes Bank, IDFC Bank, ICICI Bank और Axis Bank ।
बैंकों से शिकायत है विक्टिम्स को
इन विक्टिम्स ने बताया कि, बैंक प्रत्येक दिन इतने अधिक रुपयों के ट्रांजेक्सन को क्यों नही नोटिस करते ? बैंकों से अनुरोध, शिकायत करने के पश्चात भी ये बैंक्स इन स्कैमर्स के अकाउंट फ्रिज क्यों नहीं करते ? क्या बैंक के लोग भी इन स्कैमर्स से मिले होते हैं ?
Telegram बन रहा स्कैमर्स का अड्डा
अगर किसी को Whatsapp ग्रुप में जोड़ा जाता है, तो उसके सभी मेम्बेर्स के फ़ोन नंबर दिखाए जाते हैं। परन्तु टेलीग्राम में प्राइवेसी के कारण उस ग्रुप के मेम्बर्स का फ़ोन नंबर नहीं दिखाया जाता। यहाँ तक की 1-1 टेलीग्राम चैट्स भी बिना नंबर दिखाए ही की जा सकती है।
इसी का फायदा स्कैमर्स उठाते हैं। और नंबर न दिखने के कारण उन्हें पकड़ पाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं होता है। टेलीग्राम में पर्सनल और ग्रुप चैट्स से दोनों तरफ के मैसेज डिलीट करने का भी आप्शन होता है। सेंडर एवं रिसीवर दोनों का ही मैसेज कोई भी डिलीट कर सकता है।
डिलीट मैसेज का फायदा उठाकर स्कैमर्स ट्रेस होने से बच जाते हैं। वैसे पुलिस अगर चाहे तो बैंक अकाउंट से स्कैमर्स को ट्रेस कर सकती है। क्योंकि किसी भी बैंक में बिना किसी वैध आई डी के अकाउंट नहीं खोला जा सकता है।
इससे संबंधित कुछ सुझाव
सरकार एवं पुलिस को इस प्रकार स्कैम पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। क्योंकि ये कोई साधारण स्कैम नहीं है। ये स्कैमर्स बड़ी-बड़ी कंपनियों के पूर्व कर्मचारी होते हैं।
और वे स्कैम को इस प्रकार से तैयार करते हैं, कि कोई भी इससे आसानी से फँस जाता है। टेलीग्राम ग्रुप में भले ही ट्रेस न हो , परन्तु बैंक अकाउंट पर लोगों ने FIR दर्ज करायी है। उन्हें ट्रेस करके इन स्कैमर्स को पकड़ना चाहिए।
कौन हैं यह स्कैमर्स
पुलिस ने इस वर्ष जनवरी माह में Work From Home स्कैमर्स को गिरफ्तार किया था। 3 लोग कस्टडी में भी लिए गये, एवं जाँच में मालूम हुआ कि, इस स्कैम में पेटीएम् का एक पूर्व डिप्टी मैनेजर भी शामिल था। जो स्कैमर्स को फाइनेंशियल फ्राड्स में सहायता कर रहा था।
पुलिस ने बताया था कि, इस स्कैम का मुख्य आरोपी जार्जिया बेस्ड है। वैसे ये नेक्सेस भारत के हरियाणा, पंजाब , दिल्ली, चंडीगढ़, और मुंबई से चलाया जा रहा है। ये स्कैम काफी साफेस्टिकेटेड है। और इसमें शामिल अधिकतर लोग काफी शिक्षित हैं।
संभवतः इन्हें कोडिंग से लेकर सोशल इंजीनियरिंग पर बहुत घमंड है। इसी वजह से ये पूरा स्कैम इस तरह से तैयार करते हैं, जिससे कोई भी इनके फ्राड में आसानी से फँस जाये।