तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के विरुद्ध कथित रूप से हो रहे हमले के सम्बन्ध में जाली वीडियो शेयर करने का आरोप है। जांच में वीडियो फर्जी पाया गया। इस सम्बन्ध में उन पर मुकदमा दर्ज हो गया। इस के अलावा वर्ष 2021 में 31 मार्च को मनीष कश्यप ने एसबीआई की पारस पकड़ी ब्रांच के प्रबंधक से रंगदारी मांगी थी। पुलिस की मानें तो आरोपी के विरुद्ध बेतिया में ही 7 मुक़दमे दर्ज हैं।
मनीष कश्यप पर गृह राज्य बिहार में कुल 14 एवं तमिलनाडु में 13 मुक़दमे दर्ज हैं। मनीष का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है। परन्तु, इसी दौरान उन्हों ने नया अकाउंट बनाया और ट्वीट कर बताया गया कि, बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके पश्चात अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5/23 दर्ज की थी। एवं बिहार पुलिस ने ट्वीट कर साफ किया था कि, मनीष कश्यप को गिरफ्तार नहीं किया गया। वह एक जाली पोस्ट था।
आपको बता दें कि, पश्चिम चंपारण से मनीष कश्यप को गिरफ्तार करने के पश्चात शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई, पटना लेकर आ गई थी। पुलिस जब उन्हें गाड़ी में ले जा रही थी उसी समय मनीष कश्यप रोने लगे, वायरल वीडियो में साफ देखा जा रहा है की मनीष कश्यप पुलिस की गाड़ी सिसक रहे है और उसी वक़्त उनके मित्र ये कहते हुए सुनाई दे रहे कि, हिम्मत मत हारना, हम सब मिलकर लड़ेंगे। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
उनसे काफी पूछताछ की गई। इसके पश्चात रविवार को अदालत में हाजिर किया गया, यहां से मनीष को न्यायिक हिरासत में 22 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया गया है। शीघ्र तमिलनाडु पुलिस भी उसको ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। मनीष कश्यप को EOU के बार-बार कोशिश करने के पश्चात भी हाजिर नहीं हो रहे थे। बेतिया स्थित महना डुमरी गांव में विगत शनिवार को कोर्ट के आदेश पर पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में आरोपी मनीष कश्यप के घर को कुर्क करने की कार्यवाही की गई। इस के बाद मनीष कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया।