9 मार्च 1991 को पश्चिमी चंपारण (बिहार में) के डुमरी महनवा गांव में जन्मे कश्यप अपने आप को “सन ऑफ बिहार” कहते हैं। वैसे उनका वास्तविक नाम- त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। महाराष्ट्र के पुणे से उन्होंने 2016 में सिविल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की, एवं फिर 2 वर्ष पश्चात अपना यूट्यूब चैनल बना लिया था।
वह ‘सच तक न्यूज’ नाम से वेबसाइट एवं यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिस पर लगभग 63 लाख सब्स्क्राइबर्स हैं। फेसबुक एवं इंस्टाग्राम सरीखे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर भी उनकी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है।
विवाद उस वक़्त तब उत्पन्न हुआ, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ वीडिया पोस्ट करते हुए यह दावा किया था कि, बिहार के मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले हो रहा हैं। जबकि, पुलिस की तरफ से इस सम्बन्ध में जांच कराई गई ये वीडियो फर्जी निकला।
बिहार सरकार की तरफ से तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के आरोपों की जांच के लिए भेजी अधिकारियों की 4 सदस्यीय टीम ने 10 मार्च, 2023 को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी थी।
जिसके पश्चात सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के द्वारा बताया गया कि, राज्य के ग्रामीण विकास सचिव डी. बालमुरुगन की अध्यक्षता वाली टीम ने सीएम नीतीश कुमार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित तमिलनाडु में प्रवासियों की पिटाई के वीडियो फर्जी थे।
इसी दौरान राज्य में प्रवासी श्रमिकों से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मिले और उन्हें भरोसा दिया कि उन्हें कोई खतरा नहीं है।
बिहार पुलिस मनीष कश्यप के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी का वारंट निकलवा लिया था। इसके बाद से पुलिस लगातार पटना, दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी। पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा कुल 42.11 लाख को फ्रीज करा दिया था।
जब पुलिस उनके घर पर कुर्की एवं जब्ती से संबंधित कार्यवाही शुरू की तो मनीष कश्यप आत्मसमर्पण के लिए निकल पड़े पर पुलिस ने रास्ते में गिरफ्तार कर लिया।