गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने जनवरी में घोषणा की थी कि, कोरोना के पश्चात मंदी की संभावना बढ़ने से प्रेशर अधिक है। इसलिए कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब 6% की छटनी करेगी। वहीं जनवरी में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प, मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक एवं अमेज़न, इंक ने भी नौकरियों में छटनी करने की घोषणा की थी।
पिचाई ने नौकरी में छटनी की घोषणा 20 जनवरी को की थी। एक ईमेल में उन्होंने कर्मचारियों को बताया था कि, अपने बिजनेस को बढ़ाने हेतु कंपनी काम कर रही है। इसलिए उन्होंने इस छंटनी की पूरी जिम्मेदारी ली थी। कटौती के पश्चात कर्मचारियों के साथ अच्छा ट्रीटमेंट कवर देने हेतु दस्तखत किए गए थे।
12 हजार कर्मचारियों को निकालने की घोषणा अल्फाबेट ने की थी। कर्मचारियों ने अब इस छंटनी के पश्चात कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई को खुला पत्र लिखा है।
कर्मचारियों की मांग है कि, अगर फिर से गूगल में भर्ती की जाती है तो जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। पत्र में कर्मचारियों ने यूक्रेन जैसे मानवीय संकट वाले देशों में कर्मचारियों को नहीं निकालने की मांग की है।
गूगल के सीईओ से कर्मचारियों ने अपने खुले पत्र में बताया है कि, ग्लोबल स्तर पर अल्फाबेट की छंटनी का असर हुआ है। पत्र में कहा गया है कि, यूक्रेन जैसे देशों में प्रभावित कर्मचारियों को अपनी नौकरी के साथ-साथ वीजा-लिंक्ड रेजिडेंसी खोने के जोखिम वाले लोगों को अतिरिक्त मदद करनी चाहिए। साथ ही ये भी कहा है कि, किसी कर्मचारी की अगर छंटनी की जाती है, तो उसे अपना पूरा नोटिस पीरियड सर्व करने देना चाहिए।